बुधवार व्रत क्यों करना चाहिए, इसके नियम व फायदे, पूरी जानकारी

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हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है। बुधवार का दिन गणेश भगवान को समर्पित किया गया है। जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता गणपति जी की उपासना और उपवास करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। इस व्रत को सात वार के जोड़े में करना फलदायी माना जाता है। इतना ही नहीं बुधवार व्रत करने से बुध ग्रह भी मजबूत होता है। मान्यताओं के अनुसार बुधवार व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार से कर सकते हैं। हालांकि इस व्रत को शुरू करने के लिए सबसे शुभ समय विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार माना गया है। इस व्रत का पालन 7 या 21 बुधवार तक विधिवत करना चाहिए। आखिरी व्रत वाले दिन नियमानुसार उद्यापन करना चाहिए। ध्यान रहे पितृपक्ष में इस व्रत की शुरुआत न करें।

बुधवार व्रत कैसे करें

  • बुधवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद घर या मंदिर में गणपति की पूजा करें। घर में ईशान कोण में गंगाजल छिड़कर पूजा की चौकी स्थापित करें।
  • अब गणेश जी का दूध, दही, घी, शहद, से अभिषेक करें। बुध देव का स्मरण भी करें।
  • चौकी पर गणपति जी को स्थापित करें। अब गणेश जी को लाल या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और कुमकुम, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल, फूल, सिंदूर चढ़़ाएं।
  • 11 दूर्वा की गांठ बप्पा को चढ़ाए, इसके बाद हर बुधवार को मोदक या बेसन के लड्‌डू का भोग लगाएं। बुधवार व्रत की कथा करें।
  • अंत में गणेश जी की आरती करें। उसके बाद गाय को हरा चारा खिलाएं और जरुरतमंदों को हरे मूंग, हरे वस्त्र, इलायची का दान करें।
  • दिनभर फलाहार व्रत रखने के बाद शाम को पुन: गणपति के समक्ष दीप जलाकर पूजा करें और फिर सात्विक भोजन ग्रहण कर ही व्रत का पारण करें।
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व्रत के नियम

  • बुधवार व्रत के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें आपको मीठा या फीका भोजन करना होगा।
  • व्रत वाले दिन व्यक्ति को प्रातः काल में उठना चाहिए।
  • बुधवार व्रत कथा सुनने के दौरान बीच में आसन नहीं छोड़ना चाहिए।
  • इस व्रत में पूरा दिन फलाहार करें। शाम के वक्त पूजा के बाद एक वक्त का भोजन करें।
  • बुधवार व्रत में मूंग दाल का हलवा, दही या फिर हरी वस्तु से बने भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
  • इस दिन हरे रंग के वस्त्र, फूल और सब्जियों का जरूरतमंदों को दान भी करें।

बुधवार व्रत के लाभ

  • जिस घर में रोज कलेश होता है और कर्ज जैसी परेशानियाँ होती है, तो उसे 21 से 24 बुधवार व्रत रखने चाहिए। व्रत रखते हुए ध्यान रहे कि नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बुधवार का व्रत करने से जीनव में धन की कमी से मुक्ति मिलती है, और सुखों की प्राप्ति होती है।
  • बुध देव को बुद्धि का देवता भी माना जाता है इसीलिए इसकी पूला करने से दिमाग तेज होता है और पढ़ाई में आ रहीं बाधांए दूर होतीं हैं।
  • अगर आप सुखों में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन भगवान कृष्ण को चावल की खीर अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

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  • अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के समय भगवान गणेश को गुड़ मिश्रित मालपुआ अर्पित करें। इस उपाय को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
  • कुंडली में बुध मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन पूजा के बाद साबुत मूंग, हरी सब्जी और फल का दान करें। इसके साथ ही गौमाता को हरा चारा खिलाएं और गौ माता की सेवा करें।
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बुधवार व्रत से संबंधित प्रश्न

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए?

बुधवार व्रत 7, 11, या 21 रखे जाते है।

बुधवार व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

बुधवार के व्रती को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि पान खाने से भी बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन पान श्री गणेश को चढ़ाए जाए हैं।

बुधवार के व्रत का उद्यापन कैसे किया जाता है?

बुधवार के दिन बुध मंत्र से हवन करके पूर्णाहुति देकर ब्राह्मणों को मीठा भोजन कराएं और दान दें। तभी व्रत का उद्यापन पूरा माना जाता है।

बुधवार का व्रत क्यों रखा जाता है?

बुधवार का दिन बुध ग्रह के नाम होता है। यदि आपके घर में धन नहीं रुक रहा है, आए दिन घर में क्लेश मच रहा है, तो बुध ग्रह के पूजन से राहत मिल सकती है, क्योंकि यह व्रत बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर करने के साथ-साथ मन की शांति, विद्या, धनलाभ, व्यापारिक उन्नति व स्वास्थ्य लाभ कराता है।

बुधवार को शुभ क्यों माना जाता है?

इस वार का स्वामी बुध है। इस दिन ऋण, शिक्षा, गृह प्रवेश, धन संबंधी कार्य, उपन्यास लेखन, प्रशासन, लेखा-जोखा, वकालत, दर्जी का काम, वाहन खरीदना शुभ माना जाता है।


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