हमारे हिन्दू धर्म में गाय को बहुत शुभ माना जाता है। गाय सभी देवी-देवता की माता है। हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार 33 कोटी देवता गाय में वास करते हैं। जहां गाय होती है। वहां लक्ष्मी जी वास करती है। गाय में सुरभि नामक लक्ष्मी देवी भी वास होती है। गाय की प्रतिदिन पूजा की जाती है। गाय के मूत्र और गोबर में अनेक औषधी तत्व मौजूद होते है। गाय को लेकर भी अलग-अलग संकेत होते है। भारतीय आयुर्वेद में गौ-मूत्र से कई रोगो का इलाज किया जाता है। इस लेख में गाय मूत्र के फायदे व नुकसान जानेंगे।
गौमूत्र के फायदे
कैंसर के लिए
गौमूत्र में कैंसर रोकने की क्षमता होती है। शरीर में करक्यूमिन तत्व जब कम होता है, तो कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ता है। गाय के पेशाब में करक्यूमिन पाया जाता है, जो कैंसर के रोग से बचाता है।
वेट लॉस के लिए
गौमूत्र से मोटापा कम किया जा सकता है। इसमें विटामिन पाए जाते है, जो वजन घटाने में मदद करते है। गाय का मूत्र पाचन तंत्र को बेहतर करता है और वेट लॉस में मदद करता है।
त्वचा की देखभाल
गौमूत्र त्वचा की देखभाल के लिए भी किया जा सकता है। आयुर्वेद कहता है कि मुहांसे और अन्य त्वचा रोगो को दूर करने के लिए गाय मूत्र का उपयोग किया जाता है। दाद-खाज जैसे स्किन रोगों में भी गौमूत्र का उपयोग किया जाता है।
इंफ्केशन के लिए
शरीर को इंफ्केशन से बचाने के लिए गौमूत्र का उपयोग किया जा सकता है। गाय के पेशाब में बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण पाए जाते है। गले की खराश या अन्य तरह के गले के इंफ्केशन में गौमूत्र का उपयोग किया जाता है।
पाचन तंत्र का इलाज
गौमूत्र से पाचन तंत्र की परेशानियों का इलाज भी किया जाता है। गौमूत्र में नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से पाचन तंत्र की सारी समस्या ठीक होने लगती है। कब्ज-गैस व एसिडिटी जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी गौ-मूत्र लाभदायक होता है।
शारीरिक बीमारी के लिए
गोमूत्र का सेवन करने से रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है और शरीर में सर्दी-जुखाम जैसे आम संक्रमण से भी सुरक्षा मिलती है। जिन लोगों को खांसी की समस्या उन्हें रोजाना सुबह आधा कप ताजा गौमूत्र का सेवन करना चाहिए। यह पुरानी से निजात दिलाने में मदद करेगी।
जोड़ो के दर्द से राहत
सर्दियों में जोड़ो के दर्द से राहत पाने के लिए 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण के साथ गौमूत्र का सेवन करना फायदेमंद है। इसके अलावा जोड़ो के दर्द को कम करने के लिए प्रभावित हिस्से पर गौमूत्र लगाने से भी राहत मिलती है।
आँखों के लिए
आँखों से पानी आना, लाल होना, रेंटिंग और खुजली होना जैसे सभी आँखों की बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए गौमूत्र औषधी के तरह काम करता है। इसके लिए आपको गोमूत्र की एक से दो बूंद आंखों में डालनी है, इससे आंखों की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
गौमूत्र से नुकसान
- गौमूत्र को हमेशा निश्चित तापमान पर रखना चाहिए।
- गौमूत्र की मात्रा ऋतु पर निर्भर करती है। क्योंकि इसकी प्राकृतिक कुछ गर्म होती है। इसलिए गर्मी में इसकी मात्रा कम लेनी चाहिए।
- 8 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिला को गौमूत्र अर्क वैध की सलाह से दी जाती है।
- मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में गौमूत्र रखें।
- जो लोग दुबले, कमजोर और थकान से पीड़ित रहते है। इसके उपयोग से बचना चाहिए।
- जो पुरुष नींद की कमी से पीड़ित है। वह इसका सेवन न करें।
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- अगर आप गौमूत्र का अधिक सेवन करते है, तो यह आपकी किडनी के लिए अधिक हानिकारक हो सकता है। इसका अधिक सेवन करने से किसनी से संबधित बीमारिया हो सकती है।
- एक घंटे से अधिक गाय के मूत्र को नहीं रखना चाहिए। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गोमूत्र का सेवन नहीं करना चाहिए।
गौमूत्र से संबंधित प्रश्न
घर में गाय घुस जाए तो यह बहुत ही शुभ होता है। गाय हमारे जीवन में इस बात का संकेत देती है कि अब आपके आसपास से निगेटिव एनर्जी दूर हो रही है और पॉजिटिव एनर्जी आने वाली है।
गोमूत्र में नाइट्रोजन, सल्फर, फॉस्फेट, सोडियम, मैंगनीज, लोहा, सिलिकॉन, क्लोरीन, मैग्नीशियम, मैनिक, साइट्रिक, टार्टरिक और कैल्शियम लवण, विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, खनिज, लैक्टोज, एंजाइम, क्रिएटिनिन, हार्मोन और गोल्ड एसिड मानव शरीर के समान होते है।
गाय का सिर हिलाना शुभ माना जाता है क्योंकि समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य का प्रतीक होता है।
सौभाग्य के लिए गायों को पहली रोटी खिलानी चाहिए। ऐसा करने से घर की शुद्धि होती है और परिवार को नकारात्मक प्रभावों से बचाया जाता है, जिससे शांति और खुशहाली का माहौल बनता है।
गाय पर हाथ फेरने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो जाता है और इसके सींगों पर हाथ फिराने से शरीर की सारी नेगेटिव ऊर्जा क्षीण हो जाती है।