हाइड्रोफोबिया, रेबीज का एक लक्षण है, इसका मतलब पानी से डर। यह एक गंभीर स्थिति है, जो आमतौर पर रेबीज संक्रमण के कारण होती है। इसमें व्यक्ति को पानी से डर लगता है और वह पानी को पीने या उसके संपर्क में आने से घबराता है। पालतू कुत्तों के काटने से हाइड्रोफोबिया बीमारी नहीं होती है। हाइड्रोफोबिया बीमारी आवारा और कच्चा मांस खाने वाले कुत्तों के काटने या नाखून मारने से हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि पागल कुत्ते के काटने पर इस बीमारी के भयंकर होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है।
हाइड्रोफोबिया के लक्षण
हाइड्रोफोबिया के लक्षण आमतौर पर रेबीज संक्रमण के लक्षणों के साथ शुरू होते हैं और धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं-
पानी का डर
हाइड्रोफोबिया का सबसे प्रमुख लक्षण है पानी का डर। व्यक्ति को पानी पीने या पानी के पास जाने में घबराहट होती है। पानी पीने की कोशिश करते समय गले में ऐंठन और दर्द होना लगता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है। व्यक्ति पानी की मात्रा में डरने लगता है।
चिड़चिड़ापन और बेचैनी
संक्रमित व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, बेचैनी, और असामान्य व्यवहार देखने को मिल सकता है।
भ्रम और दौरे
व्यक्ति को भ्रम होना, अजीब आवाजें सुनना या दौरे पड़ना भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
मांसपेशियों में ऐंठन और पक्षाघात
शरीर में मांसपेशियों की ऐंठन, हाथ-पैर में कंपकंपी, और धीरे-धीरे पक्षाघात होने लगता है।
निगलने में कठिनाई
हाइड्रोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति को निगलने में बहुत परेशानी होती है, जिससे उसे खाने और पीने में कठिनाई होती है।
टीका लगवाना जरुरी है
हाइड्रोफोबिया से पीड़ित रोगी अपने आप से बाहर हो जाते है और वह जोर-जोर से चीखने लगते है। इस तरह के लक्षण में तुरंत डॉक्टर के पास जाओ। बेहतर होगा की कुत्ते और संक्रमित जानवर के काटने पर समय रहते वैक्सीन लगवानी चाहिए।
पानी के आसपास करें वॉक
हाइड्रोफोबिया के रोगी को अपने पानी के भय को निकालने के लिए तालाब या स्वीमिंग पूल आदि के आसपास वॉक करना चाहिए। ऐसे में धीमी वॉक करे और याद रहे रोगी को अकेला न छोड़े। क्योंकि अकेले छोड़े जाने पर पूल या तालाब के आसपास टहलने से रोगी पानी में गिर सकता है।
हाइड्रोफोबिया के कारण
दर्दनाक अनुभव
पानी में डूबना, फंस जाना या तेज भाव का सामना करना जैसे दर्दनाक अनुभव पानी के प्रति भय पैदा कर सकते है।
नकारात्मक संगीत
पानी से जुड़े नकारात्मक अनुभव जैसे-किसी अन्य को पानी में डूबते हुए देखना भी एक्वाफोबिया को बढ़ावा दे सकते हैं।
आनुवंशिकी
कुछ आनुवंशिकी कारक कुछ लोगों को इस फोबिया सहित विशिष्ट फोबिया विकसित करने के लिए अधिक संवेदनशील बना सकता है।
सांस्कृतिक या पर्यावरणीय कारक
कुछ सांस्कृतिक या पर्यावरणीय कारक भी एक्वाफोबिया के विकास में भूमिका निभा सकते है। पानी की सिमित पहुंचने वाले क्षेत्रों में रहने वाले या जहां पानी को खतरनाक माना जाता है।
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वहां रहने वाले लोगों में पानी का डर विकसित होने की संभावना अधिक हो जाती है।
अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां
अन्य चिंता विकार जैसे-सामान्यीकृत चिंता विकार या आतंक विकार से ग्रस्त व्यक्तियों में भी पानी के प्रति भय विकसित होने की अधिक संभावना हो सकती है।
पानी के भय से बचने के उपाय
पानी से परिचित होना
पानी से डर कम करने के लिए पानी से जुडी गतिविधियों में शामिल हो सकते है-जैसे-नहाते समय खेलना, उथले पूल में पानी के खिलौनों से खेलना, छींटे मारना, या बुलबुले उड़ाना आदि पानी में कर सकते है और डर को दूर कर सकते है।
तैराकी सीखना
एक प्रशिक्षण से तैराकी सिखने से आपको पानी के डर से छुटकारा मिल सकता है। प्रशिक्षण आपको पानी में तैरना सिखाएंगे।
विश्राम तकनीकें सीखना
पानी के अंदर गहरी सांस लेना, माइंडफ़ुलनेस, और विज़ुअलाइज़ेशन जैसी विश्राम तकनीकें सीखकर आप पानी के डर से निपट सकते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
अपने समग्र स्वास्थ्य का ख्याल रखना एक्वाफोबिया पर काबू पाने के आपके प्रयासों में सहायक हो सकता है। आप नियमित व्यायाम करें, संतुलन आहार लें और पर्याप्त नींद लें। ऐसी गतिविधियां शामिल हो सकती है जो आपको पसंद हो। आपके आराम करने और तन्वा को कम करने में मदद करें।
एक्सपोस थेरेपी
एक्सपोस थेरेपी में व्यक्ति को नियंत्रित और व्यवस्थित तरीके से धीरे-धीरे पानी के संपर्क में लाया जाता है एक्सपोज कम चिंताजनक स्थितियों से शुरू होता है-जैसे-पानी की तस्वीर को दिखाना।
व्यवहार थेरेपी
व्यवहार थेरेपी एक तरह की टॉक थेरेपी है जो व्यक्ति की फोबिया में योगदान देने वाले नकारात्मक विचारो को पहचानने में मदद करती है। ऐसे में डॉक्टर या थेरेपिस्ट धीरे-धीरे व्यक्ति के मन से डर बाहर निकालते हैं।
दवा
कुछ मामलों में एक्वाफोबिया से जुडी चिंता के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करने के लिए दवाएं दी जा सकती है। शारीरिक लक्षणों को कम करने के लिए एंटी-एंजायटी दवाइयां या बीटा-ब्लॉकर्स दी जाती है।
हाइड्रोफोबिया से संबंधित प्रश्न
हाइड्रोफोबिया रोग रेबीज वायरस से संक्रमित होने की वजय से होता है। यह एक वायरस बीमारी है जो मस्तिष्क में तेज सूजन पैदा करती है।
हाइड्रोफोबिया रोग का दूसरा रेबीज है। पानी से भय को तकनीकी रूप से एक्वाफोबिया कहा जाता है, ताकि इसे रेबीज से भ्रमित न किया जाए।
हाइड्रोफोबिया रेबीज बीमारी के बाद चरणों में से होता है और यह संक्रमण का एक नैदानिक संकेत है।
हाइड्रोफोबिया और रेबीज एक ही बीमारी के दो अलग-अलग शब्द है। पहला शब्द ग्रीक शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ पानी से डरना। हम केवल मानव विषय में ही पानी पीने की कोशिश के डर को पाते हैं, इसलिए हाइड्रोफोबिया शब्द का सही तरीके से उपयोग केवल ऐसे मामले में ही किया जाता है।
हाइड्रोफोबिया से पीड़ित लोग पानी नहीं पी सकते। इसलिए उन्हें ड्रिप के जरिए नसों में तरल प्रदार्थ दिया जा सकता है। एक बार जब हाइड्रोफोबिया के लक्षण विकसित हो जाते है तो आमतौर पर कुछ दिन के भीतर उनकी मृत्यु हो जाती है। आमतौर पर कार्डियो-श्वसन अरेस्ट के कारण।