प्रेगनेंट होने पर माँ ही नहीं, बल्कि पूरा परिवार के हर सदस्य को यह जानने की इच्छा रहती है कि लड़का होगा या लड़की। यह उत्सुकता सदियों से चली आ रही है। भारत में बच्चे के लिंग के बारे में जन्म से पहले बताना अपराध है। महिलाओं ने नौ महीने के दौरान कभी न कभी तो ये जरूर सुना होगा कि उनके लक्षण बेटा होने की ओर संकेत कर रहे हैं। जब महिला माँ बनने वाली होती है, तो कुछ न कुछ संकेत मिलते है कि लड़का है या लड़की।
मॉर्निंग सिकनेस
प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस या मतली होने का मतलब है कि लड़क होगा। जब 70 से 80 फीसदी महिला को मॉर्निंग सिकनेस होता है, तो गर्भवास्थ की पहली तिमाही में ज्यादा होती है। कुछ महिलाओं को यह समस्या डिलीवरी तक रहती है। गर्भावस्था के दौरान हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी) की वजह से और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से यह होता है।
हार्ट रेट
अगर आपके शिशु का हार्ट रेट प्रति मिनट 140 बीट है, तो लड़का है। पहली तिमाही में लड़का या लड़की के हार्ट रेट में कोई अंतर नहीं होता है। भ्रूण की सामान्य हार्ट रेट 120 से 160 बीपीएम होती है, जो कि प्रेग्नेंसी के शुरुआत में चरण में 140 से 160 बीपीएम और गर्भवास्थ के आखरी चरण में 120 से 140 बीपीएम तक जा सकता है।
बालों और त्वचा में बदलाव
अगर पेट में लड़का है, तो स्किन पर दाने कभी नहीं आते, जबकि लड़की होने पर स्किन खराब हो जाती है। लड़का होने पर बाल घने और सूंदर रहते है। हार्मोन स्तर में बदलाव के कारण त्वचा और बालों में बदलाव रहता है। हार्मोन बदलाव के कारण त्वचा सूंदर और घने बाल होते है।
कुछ खाने का मन करना
अगर कुछ नमकीन और मीठा खाने का मन है, तो इसका मतलब है कि गर्भ में लड़का है। पोषण की कमी या हार्मोन बदलाव के कारण क्रेविंग हो सकती है। गर क्रेविंग नमकीन या खट्टी चीजों की हो रही है, तो गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है। इसमें सांस्कृतिक और मनोसामाजिक कर्क भी अहम है।
बेबी बंप की पोजीशन
प्रेग्नेंसी में बेबी बंप का नीचे की ओर आना लड़के का संकेत है। बेबी बंप की पोजीशन या गर्भाशय के आकर से संबंधित हो सकती है।
मूड में बदलाव
अगर गर्भ में लड़का है, तो महिलाओं का मूड ज्यादा नहीं बदलता है। प्रेग्नेंसी में होने वाले हार्मोन बदलाव के कारण ही मूड स्विंग्स होता है। इससे शिशु के लिंग का कोई संबंध नहीं होता। महिला में लड़का होने कई संकेत देखने को मिलते है।
ठंडे पैर
जिस महिला के पैर ठंडे रहते है, उसके लड़का होने का संकेत है। ब्लड सर्कुलेशन ठीक न होने डायबिटीज या बहुत ही ज्यादा ठंडे मौसम की वजह से गर्भवती महिला के पैर ठंडे हो सकते हैं। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
लिनिया नाइग्रा की लंबाई
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में एक लाइन बन जाती है, जिसे लिनिया नाइग्रा कहते है। अगर लिनिया नाइग्रा आपके नाभि के नीचे होता है, तो लड़की है। अगर आपके नाभि के ऊपर होता है, तो लड़का है। गर्भावस्था में होने वाले हार्मोन बदलाव के कारण मेलेनिन का प्रोडक्शन उत्तेजित होता है और इसकी वजय से भी लिनिया नाइग्रा की स्थिति हर महिला में अलग होती है।
वजन बढ़ना
जब महिला गर्भवती होती है, तो ज्यादातर पेट बाहर दिखाई देता है, तो लड़का होने का संकेत होता है। जब गर्भ में लड़की होती है, तो वजन चेहरे सहित पूरे शरीर पर वितरित हो जाता है। अधिकांश गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ता है, और काफी वजन बढ़ना स्वस्थ गर्भावस्था का एक अनिवार्य हिस्सा है।
सूखे हाथ
अगर महिला के माँ बनने के दौरान हाथ सूखते है, तो लड़का होने का संकेत है। अगर हाथ मुलायम है, तो लड़की। गर्भावस्था के दौरान कई हार्मोन बदलाव होते है। जो लिंग की परवाह किये बिना त्वचा के रूखेपन का कारण बन सकते है।
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इसके अलावा, गर्भावस्था से संबंधित त्वचा की स्थिति जैसे प्रुरिगो और एक्जिमा गर्भवती महिलाओं में शुष्क त्वचा का कारण बन सकती है।
सपना देखना
अगर आपने सपना देखा है कि लड़का और लड़की होने का, तो आपका बच्चा भी उसी लिंग होगा। सपने गहरे विचारों से संबंधित होते है। बच्चे के लिंग के बारे में अंतर्ज्ञान के सही या गलत होने की समान संभावना होती है। कई गर्भवती महिलाओं को शामिल करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि लिंग की भविष्यवाणी के बारे में उनके सपने और अंतर्ज्ञान एक सिक्के को उछालने जितना ही विश्वसनीय थे।
बच्चे की लात मारना
जब बच्चा पेट में लात मरता है और कहा मरता है। इससे पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की। अगर बच्चा में रहते पसली के पास लात मरती है, तो वह लड़की है। जब पेट के निचले हिस्से में लात मारे तो ऐसा माना जाएगा कि होनेवाला बच्चा लड़का है।
गर्भ में लड़का होने से संबंधित प्रश्न
हर महिला की प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी अलग तरह से रिएक्ट करती है। बच्चे के लिंग का निर्धारण करने का सबसे उपयोगी तरीका 20 सप्ताह के अल्ट्रासॉउन्ड है। जिससे आपको यह पता चलता है कि गर्भ में लड़क है या लड़की।
यदि आपका प्लेसेंटा आपके गर्भाशय के दाईं ओर बन रहा है, तो बच्चा संभवतः लड़का होगा।
पेट में लड़का 18 से 21 सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड में 14 सप्ताह में ही शिशु का लिंग दिख सकता है।
गर्भ में लड़का होने पर महिला के सिर में काफी दर्द होता है।
घर पर अल्ट्रासाउंड के बिना अपने बच्चे का लिंग पता करने के लिए एक शादी की अंगूठी की जरुरत है। अंगूठी को एक हार में पिरोए और इसे पेट पर रख दें। यदि अंगूठी गोलाकार घूमती है, तो लड़की है। अगर आगे-पीछे झूमती है, तो लड़का है।