तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है, नियम व जरुरी बातों का ध्यान

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हिन्दू धर्म में तुलसी का विशेष महत्त्व है। तुलसी को माता का दर्जा दिया जाता है। तुलसी का पौधा कई लोगों के घर में मिलेगा। लोग रोजाना तुलसी की पूजा करते है। इसमें जल अर्पित करते है। तुलसी की पूजा करने से घर की हर समस्या दूर होती है और भगवान की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा इसमें दूध चढ़ाना भी अलग महत्त्व है। तुलसी पर रोजाना दूध चढ़ाने से भगवान विष्णु की कृपा होती है और घर में पैसे की तंगी कभी नहीं आती है। तुलसी पर जल ही नहीं, बल्कि दूध चढ़ाना भी शुभ है। तुलसी पर दूध चढ़ाने के लाभ है।

  • अगर आप अर्थी तंगी, बिजनेस में लॉस या जॉब न मिलने आदि समस्या को लेकर परेशान है, तो रोज तुलसी में कच्चा दूध चढ़ाने से आर्थिक समस्या दूर होगी और धन का योग बनने लगेगा।
  • अगर आपके घर में रोज कलेश होता है, तो तुलसी का यह उपाय करने से सारी समस्या दूर होगी। आप रोज तुलसी में दूध चढ़ाए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि होगी।
  • तुलसी के पौधे पर दूध चढ़ाना से घर में सकारात्मक का संचार होता है।
  • तुलसी पर दूध चढ़ाने से सारे रोग ख़त्म होते है। तुलसी के पौधे पर कच्चा दूध चढ़ाने से शरीर का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
  • घर में तुलसी जरूर लगानी चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है।
  • अगर किसी के जीवन में विवाह की समस्या आ रही है, तो वह भी रोज कच्चा दूध चढ़ाए ऐसा करने से उसकी मनोकामना पूरी होगी।

घर में तुलसी लगाने के नियम

अगर आप अपने घर में तुलसी लगा रहे है, तो उसके कुछ नियम है। उसको जान लें।

  • जिस घर में तुलसी का पौधा होता है। वहां साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखे। भूलकर भी वहां जूता-चप्पल पहनकर न जाएं। ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है।
  • तुलसी का पौधा जहां है। वहां नियमित रूप से पूजा करें और रोज शाम को घी का दीपक जलाए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनती है।
  • तुलसी का पौधा कभी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह दिशा पितरों की मानी जाती है।
  • तुलसी का पौधा घर में या बाहर किसी चौराह पर उत्तर दिशा की और लगा सकते है।
  • कार्तिक मास के गुरुवार के दिन पौधा लगाना शुभ होता है।
  • तुलसी को माता मानी जाता है। आप तुलसी को चुंदरी चढ़ाते है, तो उसको समय-समय पर बदलते रहे। कभी भी किसी को तुलसी का पौधा शाम को नहीं छूना चाहिए।
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तुलसी की पूजा कैसे करें

तुलसी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठाकर स्नान करने के बाद पूजा घर में पूजन के बाद तुलसी की भी पूजा करनी चाहिए। तुलसी के नीचे हमेशा गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ शाम को भी तुलसी पर दीपक जलाना चाहिए। दीपक चलने के बाद तुलसी में जल अर्पित करने के बाद चारो और परिक्रमा करनी चाहिए। उसके बाद तुलसी पाठ करके आरती से पूजा संपन्न करें। तुलसी की पूजा ऐसे नियमित करनी चाहिए।

पूजा करते समय बातों का ध्यान रखे

  • घर के सभी सदस्य एक- एक करके तुलसी में जल अर्पित करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी की जड़ में नुकसान पहुँचता है, जिससे व सूख जाती हैं,और तुलसी का सूखना शुभ नहीं माना जाता है।
  • अक्सर लोग तुलसी को चुनरी ओढ़ाने के बाद उसे बदलते नहीं हैं, पर हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। अन्य देवी-देवताओं की तरह तुलसी के वस्र भी उचित समय में बदलते रहना चाहिए।
  • सूर्यास्त के बाद तुलसी चुना वर्जित है। अगर आपको किसी काम के लिए तुलसी का पौधा चाहिए, तो उसके लिए सुबह का इंतजार करें।
  • तुलसी तोड़ते समय ध्यान रहे कि पहले प्रणाम करने के बाद तोड़े और यह भी ध्यान रहे कि तुलसी के पौधे को नाख़ून से नहीं तोडना चाहिए।

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  • यदि आप सूरज ढलने के बाद पूजा कर रहे है, तो इस बात का ध्यान करें कि तुलसी को दूर से प्रणाम करे। भूलकर भी तुलसी न छुए।
  • जब लोग तुलसी पर दीपक जलाते है, तो आसन नहीं देते है। इसलिए तुलसी का दीपक जलते समय ध्यान रहे कि चावल का आसन जरूर दें।
  • महिलाओं को तुलसी की पूजा करते समय बाल खुले नहीं रखने चाहिए।
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तुलसी से संबंधित प्रश्न

तुलसी पर दूध कब चढ़ाना चाहिए?

तुलसी पर दूध गुरुवार और शुक्रवार को चढ़ाना चाहिए। इन दोनों दिन दूध चढ़ाना शुभ होता है।

तुलसी पर रोज दूध चढ़ाने से क्या होता है?

तुलसी पर रोज दूध चढ़ाने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है। तुलसी में दूध चढ़ाने से घर में बरकत ज्यादा होती है।

क्या दूध के साथ तुलसी हानिकारक है?

हाँ, अगर आप दूध के साथ तुलसी का सेवन कर रहे है, तो तुलसी का उपयोग अक्सर विभिन्न पाककला और औषधीय अनुप्रयोगों में किया जाता है।

तुलसी माता की पूजा कैसे करते है?

सबसे पहले तुलसी के पौधे में हल्दी का तिलक लगाए और साथ महेंदी भी लगाए। उसके बाद तुलसी सामग्री अर्पित करें। उसे पहले शालिग्राम भगवान को जरूर चढ़ाएं। -इसके बाद रोली से तिलक करेंगे। -इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी पूजा या तो सुबह करनी है या फिर शाम में सूर्यास्त होने से पहले।


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