जुड़वा बच्चे लड़का-लड़का होने के लक्षण, पूरी जानकारी

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प्रेग्नेंसी किसी महिला के लिए सबसे खुशी वाला पल होता है। कई बार कोई महिला प्रेग्नेंट होती है, तो उसे बिल्कुल नहीं पता होता कि एक बच्चे की माँ बनने वाली है या फिर जुड़वाँ बच्चे की। महिला के जुड़वा बच्चे होने के पीछे भी कई कारण होते है। परिवार की आनुवांशिक स्थिति, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट आदि के कारण भी एक महिला जुड़वा बच्चे को जन्म दे सकती है। डॉ विजय लक्ष्मी कहती है कि जब भ्रूण बनाने के लिए फर्टिलाइज एग तक स्पर्म पहुँचता है। अगर गर्भाशय में दो अंडे मौजूद हों, तो महिला को जुड़वाँ बच्चे को जन्म देने के चांस बढ़ जाते है। जुड़वाँ बच्चे दो तरह के होते है। दोनों एक दूसरे के दिखने वाले को मैनोजाइगॉटिक कहते हैं और दूसरे जो एक दूसरे जैसे दिखने वाले डायजाइगॉटिक। ऐसे बच्चों की आनुवांशिक संरचना बिलकुल एक जैसी होती है और एक दूसरे जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चे एक ही एग से स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज होते हैं। ऐसे ही जुड़वा बच्चे के होने संकेत है।

बहुत ज्यादा भूख लगना

गर्भ में जुड़वाँ बच्चे के होने की वजय से गर्भावस्था में महिला को सामान्य से ज्यादा भूख लगती है। इसकी वजय आपको बहुत ज्यादा भूख लगती है। सामान्य रूप से गर्भवती महिला को इतनी भूख नहीं लगती है।

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वजन बढ़ना

जुड़वाँ प्रेगनेंसी होने पर महिला वजन भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। गर्भ में जुड़वाँ बच्चे होने पर आपके दो भ्रूण, दो प्लेसेंटा और एमनियोटिक लिक्विड ज्यादा रहते हैं। इसकी वजय से महिला का वजन ज्यादा बढ़ने लगता है।

मॉर्निंग सिकनेस

गर्भ में जुड़वाँ बच्चे होने की वजय से महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या ज्यादा रहती है। इसकी वजय से महिला को सुबह उठने पर ज्यादा दर्द और कमजोरी का अहसास हो सकता है।

दो दिल होना

गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की धड़कन जरूर सुनती है। यह अनुभव उनके लिए बहुत यादगार भी होता है। अगर आपको गर्भ में दो अलग-अलग दिल की धड़कन सुनाई देती है, तो आप इससे जुड़वा बच्चे होने का पता कर सकते है।

अधिक मितली और उल्टी होना

गर्भावस्था के दौरान आधी सी ज्यादा महिलाओं को उल्टी और मतली आने की समस्या से किसी न किसी रूप में परेशां होना पड़ता है। जुड़वाँ बच्चे होने पर महिलाओं को अधिक मतली और उल्टी आती है, लेकिन कई महिलाओ को नहीं होता। गर्भवास्था के दौरान जुड़वाँ बच्चे होने पर महिला को हर बार उल्टी आए यह जरुरी नहीं है। महिला को उल्टी किसी और कारण भी आ सकती है।

अत्यधिक थकान होना

जुड़वाँ बच्चे होने से आपके शरीर पर बहुत अधिक बोझ पड़ता है क्योंकि आप अपने गर्भ में दो जीवन का पोषण कर रही होती हैं। कई माताएँ खुद को दोषी मानती हैं क्योंकि उन्हें बहुत थकान महसूस होती है, लेकिन समझिए कि आपका शरीर आपके नन्हे-मुन्नों की देखभाल के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। ब्रेक लेना उचित है।

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चक्कर आना

जैसे-जैसे आपके बच्चे और आपका गर्भाशय बढ़ता है, आपके गर्भाशय में जाने वाले रक्त की मात्रा बढ़ जाएगी। इससे आपको चक्कर आ सकता है, खासकर खड़े होने या मुद्रा बदलने पर। जब आप एक जगह स्थिर खड़े होते हैं, तो आपके गर्भाशय के वजन के कारण आपके पैरों में रक्त जमा हो सकता है, जिससे आपको चक्कर भी आ सकता है।

खुजली वाली त्वचा और पेट

आपका पेट और त्वचा के अन्य क्षेत्र खिंचते और बढ़ते हैं, उनमें खुजली महसूस हो सकती है। खुजली वाली त्वचा पर सौम्य, बिना गंध वाला लोशन लगाएं और ढीले कपड़े पहनें जो उस क्षेत्र को परेशान न करें। यदि आपके पैरों या हाथों में खुजली हो रही है, तो यह कोलेस्टेसिस का संकेत हो सकता है, जो एक यकृत समस्या है जिसका इलाज किया जाना चाहिए।

साँस लेने में तकलीफ

जैसे आपका गर्भाशय बढ़ता है, यह आपके फेफड़ों सहित अन्य अंगों पर दबाव डालना शुरू कर देता है, और संभवतः आपको सांस लेने में तकलीफ़ महसूस होगी।

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अपनी सांस को नियंत्रित करने के लिए गतिविधि और व्यायाम से बार-बार ब्रेक लें और अच्छी मुद्रा का अभ्यास करें ताकि आपके फेफड़ों को फैलने के लिए जगह मिले।

अनिंद्रा की कमी

पीठ और शरीर में दर्द, पैर में ऐंठन, बेचैनी, सीने में जलन और माता-पिता बनने की चिंता या चिंताओं के बीच, कई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के अंत के करीब आने पर गर्भावस्था अनिद्रा का अनुभव होता है। सोने से पहले आराम करने की दिनचर्या अनिद्रा से निपटने में मदद कर सकती है।

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जुड़वाँ बच्चे से संबंधित प्रश्न

गर्भवती महिलाओं को जुड़वा बच्चे कैसे होते हैं?

जुड़वाँ दो लड़कियाँ, दो लड़के या एक लड़का और एक लड़की हो सकते हैं। समान जुड़वाँ तब होते हैं जब एक ही निषेचित अंडा विभाजित होकर दो भ्रूणों में विकसित होता है। समान जुड़वाँ एक प्लेसेंटा और एक एमनियोटिक थैली साझा कर सकते हैं या जुड़वाँ एक प्लेसेंटा साझा कर सकते हैं और प्रत्येक में अलग-अलग एमनियोटिक थैली हो सकती है।

जुड़वा बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?

जुड़वा बच्चों का औसत वजन 37 सप्ताह में 2.49 किग्रा (5.5 पाउंड) होता है, जबकि तीन बच्चों का औसत वजन 1.80 किग्रा (4 पाउंड) होता है।

जुड़वां गर्भावस्था में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जुड़वां गर्भावस्था में अतिरिक्त फोलिक एसिड और आयरन की सावधानी बरतनी चाहिए।

प्रेगनेंसी में ज्यादा नींद आने का क्या मतलब है?

प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन प्रेग्नेंसी में नींद को बढ़ाता है। ये हॉर्मोन मां के लिए अच्छा है जो मां को आराम देना चाहता है। ये हॉर्मोन नींद और सुस्ती को बढ़ाता है जो मां को आराम देता है जिससे मां के भ्रूण के विकास में मदद मिलती है। प्रेग्नेंसी में नींद आना नॉर्मल माना जाता है।


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