ओवरथिंकिंग के लक्षण और उपाय

ओवरथिंकिंग के लक्षण और उपाय, जाने इससे कैसे बचे, नुकसान और इलाज

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ओवरथिंकिंग एक ऐसी स्थिति का वर्णन करती है जिसमे व्यक्ति लगातार सोचता है, चिंता करता है और नाकारत्मक विचार रखता है। इसे मानसिक बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है। जब व्यक्ति छोटी-सी बात को भी लंबे समय तक सोचने लगता है तो यह ओवरथिंकिंग कहलाती है। किसी काम को करने या फैसला लेने से पहले सोचना पड़ता है, जो सही है। ओवरथिंकिंग अवसाद या डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ा सकती है। ये आपके स्ट्रेस के स्तर को बढ़ा सकती है और आपको गलत निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकती है।

ओवरथिंकिंग के लक्षण

जब आप छोटी-छोटी बातो के बारे में बहुत ज्यादा सोचने की अपनी प्रवृति के बारे में अधिक जागरूकता हो जाते है, तो आप बदलाव के कदम उठा सकते है। कभी-कभी लोगों को लगता है कि उनका ज्यादा सोच-विचार करना किसी भी तरह की चीजों का खराब करना हो सकता है। लेकिन सच यही है कि अगर आप बीते कल के बारे में बहुत ज्यादा विचार करेंगे तो भी अतीत को बदला नहीं जा सकता है। ओवरथिंकिंग के लक्षण है-

  • एक ही विचार, चिंता और भय को बार-बार सोचना
  • दिमाग में बार-बार शर्मिदा करने वाले पलों को सोचना
  • बार-बार सोचने से नींद सही नहीं आती
  • लोगों से कहीं पुरानी बातों को सोचना
  • अपनी गलतियों के बारे में बार-बार सोचना
  • अपने पास्ट और भविष्य के बारे में अत्यधिक सोचना
  • अपनी चिंताओं से खुद को उबार पाने में असफल होना।

ज्यादा सोचने से होने वाले नुकसान

अगर कोई व्यक्ति लगातार तनावपूर्ण घटनाओं को बार-बार सोचता है तो यह स्थिति तनाव और अवसाद में भी बदल सकती है। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, इसे हमारा दृष्टिकोण, चिंता रोजमर्रा के तनावों से निपटने की आपकी क्षमता भी प्रभावित होती है। अगर आप समय रहते इस स्थिति को कंट्रोल नहीं करते हैं तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं-

  • उदासी और निराशा
  • हर समय थकान
  • गंभीर सिरदर्द जैसे माइग्रेन
  • फोकस में परेशानी
  • मेमोरी कमजोर होना
  • रात में नींद न आना
  • भूख न लगना या बहुत अधिक भूख लगना
  • सामान्य निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना
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ज्यादा सोचने की आदत को कैसे कंट्रोल करे

खुद को डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश

यदि आप ज्यादा सोचते है तो अपने मन पसंदीदा कार्यों में व्यस्त होकर खुद को नाकारात्मक विचारों से डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश कर सकते है। आप जो चाहे वो कार्य कर सकती है और कई गतिविधियों में भाग ले सकती है।

गहरी साँस लें

ओवरथिंकिंग मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से आपको परेशान कर सकती है। ऐसे में शांत जगह पर बैठकर गहरी साँस ले, यह आपको रिलैक्स रखेगा। साथ आपके दिमाग में चल रहे विचारो अवॉइड करेगा।

मेडिटेशन करें

यदि आप ओवरथिंकिंग है, तो नियमित रूप से मेडिटेशन करने की आदत बनाए। यह आपके दिमाग में चल रहे थॉट्स से डिस्ट्रेक्ट होने में मदद करेगा। यह दिमाग शांत रखता है और ओवरथिंकिंग की वजय से तनाव की शिकार नहीं होगी। रात को काम से लौटने के बाद थोड़ी देर मेडिटेशन का अभ्यास जरूर करें। यह आपके अंदर सकारात्मक विचारों को स्थापित करता है।

पर्फेक्शनिज्म पर ध्यान देना कम कर दें

कई लोग ऐसे है जिन्हे हर चीज परफेक्टली करने की आदत होती है। ऐसे में कोई चीज कभी पूर्णता पूरी न हो पाए तो वह खुद को दोषी ठहराते है और बेफिजूल की बातों को सोचते हुए ओवरथिंकिंग जैसी समस्या का शिकार हो जाते है। ऐसे में सबसे पहले अपने दिमाग से पर्फेक्शनिज्म जैसी बातों को निकाल दें, क्योंकि गलतियां होगी तभी उन गलतियों से सही चीजों को करना सीखेंगे।

विवाद सुलझाने पर ध्यान दे

आप विवाद और मुद्दों के बारे में सोचने की वजय उसे हल करने के तरीके पर ध्यान दे। इससे आपको साफ रास्ता दिखेगा और ओवरथिंकिंग से बचोगे।

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खुद से प्रेम करे

किसी भी गलती के लिए खुद को कोसना बंद करे। ऐसा करने के लिए खुद से ये बातें बार-बार कहे-मैं खुद को वैसे ही स्वीकार कर सकता हूं जैसे मैं हूं या में खुद के लिए काफी हूँ।

थेरेपी लें

अगर आप ज्यादा सोचने पर मुक्त नहीं हो पा रहे, तो मदद लेने में विचार करे। ज्यादा सोचना मानसिक स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है-अवसाद और चिंता। दूसरी तरफ, यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ा सकता है।

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एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से आपको ऐसे कौशल सिखाता है, जो आपको उन चीजों के बारे में सोचना और सोचने में बंद करने में मदद करेगा जो मददगार नहीं है।

अपने ट्रिगर प्वाइंट को समझें

सभी व्यक्ति का कोई न कोई ऐसा ट्रिगर प्वाइंट जरुरी है जहां पहुचंकर वह ओवरथिंकिंग करने लग जाते है। ऐसे में अपने ट्रिगर प्वाइंट पर पकड़ बना लेना भी ओवरथिंकिंग की समस्या से निदान पाना भी एक तरीका है। यदि आपको कभी ऐसा लगे कि आप परेशां हो सकती है, तो खुद को एक सकारात्मक एनवायरमेंट में इंवॉल्व करने की कोशिश करें।

ओवरथिंकिंग के पूछे गए प्रश्न

ओवरथिंकिंग का इलाज क्या है?

कुछ मिनट निकालकर किसी भी शारीरिक संवेदना, विचार या भावना पर ध्यान दें। अपने विचारों या भावनाओं का मूल्यांकन करने की कोशिश न करें। अपना ध्यान अपनी सांसों पर केन्द्रित करें।

ओवरथिंकिंग का अर्थ क्या होता है?

बिना किसी वजय किसी भी बात के बारे में लंबे समय तक सोचते रहना और अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करना। जब हमारे शरीर को डर का एहसास होता है, तो इससे निपटने के लिए एक नेचुरल इंपल्स की तरह ओवरथिंकिंग होने लगती है।

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ओवरथिंकिंग को कैसे खत्म करे?

ओवरथिंकिंग को रोकने के लिए आप अपने विचारों को चुनौती देने, प्रियजनों से सहायता लेने या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करने का प्रयास कर सकते हैं।

ओवरथिंकिंग दुख का सबसे बड़ा कारण क्या है?

ओवरथिंकिंग जब होती है जब आपके विचार और चिंताएं एक अंतहीन चक्र में घूमती रहती है। ओवरथिंकिंग आमतौर पर निष्क्रियता की और ले जाती है क्योंकि यह आपको डर से अभिभूत कर देती है।

ज्यादा सोचने पर दिमाग को कैसे शांत करें?

ज्यादा सोचने बंद करने पर और वर्तमान क्षण में रहने के लिए प्रभावी तकनीक शामिल है। मन को शांत करने के लिए गहरी साँस ले और व्यायाम का अभ्यास करें। वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन में शामिल होना और काउंटिंग तकनीकी का उपयोग करना।


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