सिर भारी महसूस होना एक अपेक्षाकृत सामान्य परेशानी है, जो साइनसाइटिस, निम्न रक्तचाप या हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थितियों के साथ हो सकती है। सिर में भारीपन के साथ चक्कर आना और सामान्य अस्वस्थता जैसे लक्षण भी हो सकते है। यह अधिक गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकते है-जैसे-लेबिरिन्थाइटिस या दृष्टि संबंधी गड़बड़ी। यदि अन्य लक्षणों के साथ आपका सिर भारी लगता है, तो आपको मूल्यांकन के लिए अपने पारिवारिक डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। डॉक्टर सीटी स्कैन, एमआरआई या ब्लडवर्क जैसे परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं। उपचार डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए और यह निदान पर निर्भर करेगा, हालांकि डॉक्टर लक्षणों से राहत के लिए दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं।
सिर भारी होना के मुख्य कारण
सिर भारी होना चक्कर आना के साथ कई कारण भी हो सकते है-
निम्न रक्तचाप
निम्न रक्तचाप या हाइपोटेंशन के कारण हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। आमतौर पर, रक्तचाप तब कम माना जाता है जब इसे 90/60 mmHg से कम मापा जाता है। मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह कम होने के कारण सिर में भारीपन, धुंधली दृष्टि, चक्कर आना और मतली जैसे लक्षण हो सकते हैं। रक्तचाप में गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जैसे अचानक स्थिति बदलना, हार्मोनल परिवर्तन, एनीमिया या संक्रमण।
साइनसाइटिस
साइनसाइटिस एक सूजन है जो चेहरे की नाक गुहाओं में होती है। यह नाक, आँख और माथे के आसपास स्थित होते है और हवा से भरे होते है। वे साँस की हवा को गर्म करने और नम करने, मस्तिष्क के वजन का समर्थन करने और आपकी आवाज़ को प्रोजेक्ट करने का काम करते हैं। जब उसमें किसी संक्रमण या एलर्जी के कारण सूजन आ जाती है, तो उनके भीतर स्राव जमा होने लगता है। साइन में स्राव जमा होने के कारण सिर भारी हो सकता है और साथ ही नाक बंद हो सकती है, नाक से पीला या हरा स्राव हो सकता है, खासी हो सकती है, आँखो में जलन हो सकती है या फिर बुखार आ सकता है।
हाइपोग्लाइसीमिया
हाइपोग्लाइसीमिया की विशेषता रक्त में रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट है। रक्त शर्करा की जाँच एए केशिका रक्त परीक्षण के माध्यम से की जा सकती है। यदि यह 4 mmol/L से कम है तो कम माना जाता है। निम्र रक्त शर्करा के कारण चक्कर आना, मतली, उनींदापन, धुंधली दृष्टि, ठंडा पसीना और भारी सिर जैसे लक्षण हो सकते है। गंभीर मामलों में कुछ लोग बेहोश हो सकते है और चेतना कम हो सकती है।
दृष्टि संबंधी समस्याएँ
कुछ दृष्टि संबंधी समस्याएँ आपके सर को भारी महसूस करा सकते है और धुंधली दृष्टि, प्रकाश संवेदनशीलता, कंपकंपी, आंखों की लाली और आंखों से पानी आना जैसे अन्य लक्षण भी पैदा कर सकती हैं। ये समस्याएं आनुवंशिक कारकों से लेकर जीवनशैली की आदतों तक कई कारणों से उभर सकती है। सबसे आम दृष्टि संबंधी गड़बड़ी मायोपिया, हाइपरोपिया और दृष्टिवैषम्य हैं।
दवा का प्रयोग
कुछ प्रकार की दवाएं सिरदर्द का कारण बन सकती है-जैसे-जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंक्सिओलिटिक्स और ट्रैंक्विलाइज़र। आमतौर पर अवसाद का इलाज करने पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शुरुआत में सिर भारी होने का कारण बन सकती है। लेकिन जैसे-जैसे शरीर दवा के प्रति अधिक सहनशील हो जाता है, यह लक्षण गायब होने लगता है।
तनाव और चिंता
तनाव और चिंता ऐसी भावनाएं है जो भय, घबराहट और चिंता का कारण बन सकती है। ये भावनाएं किसी विशिष्ट स्थिति से जुडी हो सकती है या वे अत्यधिक ज़िम्मेदारी और फुर्सत के लिए कम समय वाली व्यस्त जीवनशैली का संकेत हो सकती हैं। तनाव और चिंता के लक्षणों में तेज़ हृदय गति, भारी सिर, ठंडा पसीना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल है। यदि इन लक्षणों का उपचार न किया जाए तो ये समय के साथ खराब हो सकते हैं।
कान में समस्या
कण में किसी भी तरह की परेशानी होने पर सिर भारी हो सकता है-जैसे- कान में पस होना, कान में गांठ होना।
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कान की नशे सिर से जुडी होती है। ऐसे में कान में कुछ होने के कारण सिर को नुकसान पहुँचता है।
माइग्रेन
माइग्रेन से ग्रसित लोगों को भी सिर में भारीपन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने ट्रिगर को पहचानें और उससे दूरी बनाए रखने का प्रयास करें।
शरीर में पानी की कमी
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसके कारण सिर में भारीपन, सिरदर्द, चक्कर और उल्टी जैसे समस्याएं हो सकती है। डिहाइड्रेशन की समस्या से बेचने के लिए दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिए।
घर में किये जाने वाले घरेलू उपाय
काफी देर तक भूखा रहने से कमजोरी और अधिक काम करने की वजय से कमजोरी आ जाती है। लेकिन यह समस्या अगर बार-बार होती है। तो आपको तुरंत ध्यान देना चाहिए। इस समस्या से बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं-जैसे-
रोजाना सुबह टहलें
कुछ लोग ऐसे भी है जो छोटी-छोटी बात पर तनाव में रहते है। वह अपने काम को लेकर खुश नहीं रहते हैं। ऐसे में उन्हें तनाव से बचने के लिए ऐसा काम करना चाहिए जिसमे वह खुश रहे और सुबह उठकर टहलना चाहिए। ऐसा करने से आपके सिर में भारीपन और चक्कर आना बंद हो जाएगा।
व्यायाम करें
यदि आप सिर भारीपन और चक्कर से परेशान है तो आपको रोजाना सिर और गर्दन की एक्सरसाइज करनी चाहिए। यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद साबित होगा और आप तनाव से भी बचे रहेंगे।
दूध और बादाम
रोजाना रात में दो बादाम को एक गिलास के दूध में डालकर रख दे और सुबह उठाकर पीने से आपको कुछ दिनों में आराम मिल जायेगा। आपके सिर भारीपन और चक्कर आने की समस्या को दूर कर सकते हो।
चंदन की लकड़ी
चंदन की लकड़ी को अच्छे से घिस कर उसके लेप को माथे पर आधे घंटा लगे रहने से आपके सिर में होने वाला भारीपन दूर हो जाएगा।
अदरक की चाय
यदि आपके सिर में भारीपन रहता है तो आपको उस समय अदरक की चाय बनाकर पीना चाहिए। कभी कभी आपके पेट में गैस के कारण भी सिर में भारीपन होता है जो अदरक की चाय पीने से ठीक हो जाता है
तुलसी
चक्कर आने पर तुलसी के रस में चीनी मिलाकर सेवन करने से या तुलसी के पत्तों में शहद मिलाकर चाटने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
धनिया-आंवला पाउडर
धनियां पाउडर 10 ग्राम, आंवला का पाउडर 10 ग्राम दोनों को मिलाकर एक गिलास में पानी भरकर उस पाउडर को रात में भीगा कर रख दे उठकर अच्छी तरह मिलाकर पी लें। इससे चक्कर आने की समस्या बंद हो जाएगी।
लौंग का पानी
चक्कर आने पर आप आधा गिलास पानी में दो लौंग डालकर पानी को अच्छे से उबाल ले। जब वह पानी आधा रह जाए तो उसे थोड़ा कर पी ले। उससे काफी लाभ मिलेगा।
नींबू का इस्तेमाल
चक्कर आने पर अक्सर लोग नींबू के रस का सेवन करते है। नींबू में नमक मिलाकर चाटने से चक्कर आना कम होता है। नींबू एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है।
खरबूजे के बीज
खरबूजे के बीज को पीसकर घी में भून के रख ले और इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें। इससे चक्कर आने की समस्या में बहुत लाभ होता है।
पुदीने का तेल
पुदीने के तेल की दो-तीन बूंदें और एक छोटा चम्मच बादाम का तेल मिलाकर माथे और गर्दन के पीछे लगाने से चक्कर आने की समस्या में आराम मिलता है।
सिर भारी होना चक्कर आना से संबंधित प्रश्न
बीपीपीवी से चक्कर आना अक्सर तब होता है, जब कोई व्यक्ति अपने सिर की स्थिति बदलता है-जैसे-जब वह अपने बिस्तर पर सोने जाता है या उससे बाहर निकलता है। बीपी पीवी से चक्कर आने की घटना आमतौर पर एक मिनट से भी कम समय तक चलती है।
तनाव सिरदर्द के कारण आपके सिर के चारों ओर जकड़न या दबाव की अनुभूति है। अधिकांश लोगों को जीवन में कम से कम एक बार तनाव के कारण सिरदर्द होता है।
सिर में भारीपन के साथ चक्कर आना और सामान्य अस्वस्थता जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। यह लेबिरिन्थाइटिस या दृष्टि संबंधी गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते है।
सिर में चक्कर आने से माइग्रेन बीमारी होती है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों को चक्कर आना और अन्य प्रकार के चक्कर आने की समस्या हो सकती है, भले ही गंभीर सिरदर्द क्यों न हो।
आमतौर पर नसों के दबने से सीधे चक्कर नहीं आते। अगर दबी हुई नस गर्दन या ऊपरी रीढ़ की हड्डी में है, तो यह संतुलन को नियंत्रित करने वाली नसों पर दबाव डाल सकती है। जिससे चक्कर आना एक द्वितीयक लक्षण बन सकता है।
सर्वाइकल जिसे सर्विकोजेनिक चक्कर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो गर्दन में दर्द और चक्कर दोनों कारण बन सकती है।