हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत ही सुबह मानी जाती है। ज्यादातर घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है, क्योंकि इसमें माँ लक्ष्मी का वास होता है। जिस प्रकार तुलसी का पौधा शुभ माना जाता है उसी प्रकार तुलसी की लकड़ी से बनी माला का महत्त्व है। तुलसी की माला भगवान श्री कृष्ण और विष्णु भगवान के भक्त धारण करते है। जो लोग तुलसी की माला को धारण करते है, उसे भगवान विष्णु अपनी शरण में ले लेते है। तुलसी की कंठी माला को धारण करने से व्यक्ति को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम तुलसी के माला को पहनने से कई लाभ प्राप्त होते है।
स्वास्थ्य सुविधाएं
तुलसी माला कई तरह के स्वास्थ्य से जुड़े लाभ प्रदान करती है। तुलसी का पौधा अपने औषधीय और उपचार गुण के लिए प्रसिद्ध है और इसे एडाप्टोजेन माना जाता है। यह शरीर के तनाव को कम करने और संतुलन बहाल को कम करने में मदद करता है। विभिन्न रोगों के लिए तुलसी का प्रयोग किया जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
तुलसी में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इसे एक उत्कृष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर बनाते है। तुलसी की माला पहनने से आम बीमारियों को रोकने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
तनाव और चिंता को कम करें
तुलसी की खुशबू मन और शरीर पर शांत प्रभाव डालने में जानी जाती है। तुलसी माला के मनके ध्यान के दौरान पहने और पकडे जाते है, तो तनाव और चिंता को कम करने और मानसिकता को बढ़ाने में मदद कर सकते है।
श्वसन स्वास्थ्य में सुधार
यह अपने कफ निस्सारक और ब्रोन्कोडायलेटर गुणों के जाना जाता है, जो खांसी, सर्दी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन स्थितियों के लिए फायदेमंद बनता है। यह श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और साँस लेने में कठिनाइयों को कम करने में मदद करता है।
चक्रो को संतुलित करना
शरीर में ऊर्जा केंद्र होते है, जिन्हे चक्र कहा जाता है। गले में तुलसी की माला पहनने से चक्र को संतुलित करने में मदद मिलती है, जिससे पुरे शरीर का ऊर्जा का सुचारु प्रवाह सुनिश्चित होता है। तुलसी के सुगंधित और आध्यात्मिक गुणों को सरेखित करने और तना के उच्च स्तर को सक्रिय करने में सहायता करते हैं।
सुरक्षा और सौभाग्य
हिन्दू धर्म में इसे सुरक्षात्मक जड़ी बूटी माना जाता है। तुलसी की माला पहनने से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी आत्माओं और काले जादू से सुरक्षा मिलती है। तुलसी की माला पहनने वालों के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और आशीर्वाद आता है।
एकग्रता का सुधार
तुलसी की माला पहनने से ध्यान और एकग्रता में सुधार करने में मदद मिल सकता है। तुलसी की खुशबू और दिव्य ऊर्जा के साथ इसका जुड़ाव ध्यान को गहरा करने और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है।
ज्ञान पर प्रभाव
तुलसी आध्यात्मिक जागृत और ज्ञान पर गहरा प्रभाव डालती है। तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति आध्यात्मिक जुड़ाव, आध्यात्मिक अभ्यासों की गहनता और आंतरिक आत्म जागृति का अनुभव कर सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
तुलसी की माला पहनने से आभा को शुद्ध करने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाह करने में मदद करती है। यह पहनने वाले व्यक्ति के चारों और रक्षा कवच बनाती है, जो उन्हें बाहरी नकारात्मकता से बचाता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार
तुलसी अपने शांत करने वाले गुणों और अच्छी नींद को बढ़ावा देने की क्षमता के लिए जानी जाती है। सोने से पहले तुलसी की माला पहनने या तकिए के नीचे रखने से दिमाग को आराम मिलता है, अनिद्रा कम होती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
हार्मोन संतुलन
तुलसी का इस्तेमाल आयुर्वेद में हार्मोन को संतुलन करने और अंतःस्रावी तंत्र विनियमित करने के लिए पारंपिक रूप से किया जाता है। तुलसी की माला पहनने से हार्मोन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर महिलाओं में। यह मासिक धर्म चक्र और रजोनिवृत्ति से संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
तुलसी माला धारण करने के नियम
- तुलसी माला पहनने से पहले इसे भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने रखना चाहिए। उसके बाद इसे गंगाजल और पंचगव्य से स्नान करवाएं और सूखने दें।
- माला पहनते समय मूल मंत्र का जाप करना आवश्यक माना जाता है। तुलसी जगत के पालनहार श्रीविष्णु के सबसे नजदीक होती है।
- तुलसी की माला पहनते समय कभी भी उतारनी नहीं चाहिए, चाहे पूजा या उपासना में शामिल हों तो इसे पहनना चाहिए।
ये भी पढ़े: शनिवार को तुलसी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं, इसके सही नियम व फायदे
- केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। जो व्यक्ति युल्सी धारण करता है, उसके लिए प्याज, लहसुन, शराब, चाय, कॉफी, अंडे, मांस और मछली का सेवन वर्जित हो जाता है।
- तुलसी की माला हमेशा गले में पहननी चाहिए और इसे कभी हाथ में नहीं धारण करनी चाहिए। अगर आपकी माला टूट गई है, तो नई माला पहने और टूटी हुई माला को प्रवाहित कर दें।
तुलसी की माला से संबंधित प्रश्न
तुलसी की माला सोमवार, गुरुवार या बुधवार के दिन भी पहन सकते हैं। लेकिन भूलकर भी रविवार या अमावस्या के दिन तुलसी माला को धारण नहीं करना चाहिए।
तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है और तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप विशेष फलदाई माना गया है। इसलिए गले में तुलसी की माला धारण करने से मन और आत्मा दोनों पवित्र हो जाते है। इसके अलावा मन में सकारात्मक विचारों का संचार बढ़ जाता है।
नहीं, चाहे कोई व्यक्ति अशुद्ध हो या शुद्ध, उसे हमेशा तुलसी की माला पहननी चाहिए। और नहाते, खाते या मल-मूत्र त्यागते समय भी इसे कभी नहीं उतारना चाहिए।
तुलसी माला पहनते समय मांसाहार, अवैध यौन संबंध, नशा और जुआ से दूर रहना चाहिए।
तुलसी की माला में 108 दाने होते है।
हाँ, लेकिन तुलसी की माला उन लड़कियों को दी जाती है, जो भगवान राम, कृष्ण और नारायण को खुश करना चाहती हैं। तुलसी माला में दिव्य ऊर्जा में उपचार, उत्थान और शुद्ध करने वाले गुण हैं।