मिर्गी एक सेंट्रल नर्वस सिस्टम का विकार है। जिसमे मस्तिष्क गतिविधियां असामान्य हो जाती है। इससे रोगी को दौरे पड़ते है और उनका व्यवहार असामान्य हो जाता है। मिर्गी के लोगों को आसपास का कोई ज्ञान नहीं होता है। मिर्गी की समस्या किसी में भी विकसित हो सकती है। मिर्गी सभी किसी भी पृष्ठभूमि और उम्र के पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है।
मिर्गी रोग किन-किन कारणों से फैलता है
मस्तिष्क में ट्यूमर होना
मिर्गी सौम्य (गैर-कैंसरकारी) मस्तिष्क ट्यूमर हो सकती है जो बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं। मस्तिष्क ट्यूमर के कारण होने वाली मिर्गी को मस्तिष्क ट्यूमर से संबंधित मिर्गी (BTRE) कहते हैं। ट्यूमर के आसपास के कोशिकाओं के असामान्य विकास या मस्तिष्क में रसायनों के असंतुलन के कारण हो सकते है। मस्तिष्क ट्यूमर के दौरे आना आम है। मिर्गी रोग 30 से 100% लोगों में हो सकते हैं। मस्तिष्क ट्यूमर बहुत धीमी गति से बढ़ने वाले ट्यूमर सबसे ज्यादा मिर्गी पैदा करते है।
मस्तिष्क में स्ट्रोक या चोट लगना
मस्तिष्क में चोट लगने के बाद मिर्गी के दौरे पड़ने की संभावना होती है। चोट के बाद दौरे जल्दी पड़ने लग जाते है-जैसे-छोटे लगने के शुरुआत के कुछ दिनों बाद या हफ्तों के अंदर। मिर्गी के दौरे मस्तिष्क के निशान के कारण भी दौरे पड़ सकते है। स्ट्रोक मिर्गी 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में होता है। मिर्गी तब आती है, जब मस्तिष्क में होने वाले बदलावों की वजय से वह बहुत ज़्यादा उत्तेजित या चिड़चिड़ा हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं असामान्य संकेत भेजती है। जिसके कारण बार-बार दौरे पड़ते है।
अनुवांशिक मिर्गी का कारण
मिर्गी के कुछ मामलों में दौरे मिर्गी से जुड़े किसी ज्ञात या अनुमानित आनुवंशिक दोष या समस्या का परिणाम होते हैं। आनुवंशिक मिर्गी माता-पिता से विरासत में मिल सकती है या किसी पूर्व पारिवारिक इतिहास के अपने आप हो सकती है। आनुवंशिक मिर्गी का कारण किसी व्यक्ति के जीन में उत्परिवर्तन हो सकती है। यह जीन अक्सर मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं की उत्तेजना को नियंत्रित करते है। आनुवंशिक उत्परिवर्तन वाले कई लोगों को मिर्गी नहीं हो सकती है।
जन्म से पहले शिशु के दिमाग में चोट लगना
शिशुओं को जन्म से पहले दिमाग में चोट लगने से मिर्गी भी हो सकती है। जन्म से पहले या जन्म के दौरान शिशु के दिमाग पर चोट लगने से मस्तिष्क क्षति हो सकता है। यह नवजात शिशुओं में मस्तिष्क क्षति का सबसे आम प्रकार है। जब बच्चे के मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन या रक्त प्रवाह नहीं मिल पाता, तो हाइपोक्सिक इस्केमिक एन्सेफैलोपैथी (HIE) प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान या प्रसव के बाद हो सकता है। जन्म से लेकर नवजात शिशु के अवधि के अंत तक होने वाले दौरे या अपरिपक्व मस्तिष्क की गंभीर खराबी या क्षति का संकेत हो सकते हैं। ये दौरे अक्सर एक न्यूरोलॉजिकल आपातकाल होते है।
अत्यधिक या नशीली दवाओं का सेवन
अत्यधिक शराब पीने या अवैध नशीले पदार्थों का सेवन करने से दौरे पड़ सकते है। यदि आप दौरे की दवाई ले रहे है, तो शराब न पिए। मिर्गी की दवाएं मिर्गी से पीड़ित लोगों में दौरे की संभावना सीधे प्रभावित नहीं करती है। बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ लेने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की गंभीर कमी हो सकती है, जिससे दौरे पड़ सकते हैं।
अचानक आहार परिवर्तन
आपके आहार में अचानक और भारी बदलाव शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकते है और संभावित रूप से दौरे पड़ सकते है। धीरे-धीरे होने वाले संशोधन आपके शरीर को अधिक आसानी से अनुकूलन करने की अनुमति देते है।
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भोजन छोड़ने से सहित अनियमित खाने के पैटर्न, रक्त शर्करा के स्तर को बाधित कर सकते है और संभावित रूप से दौरे का कारण बन सकते है। पुरे दिन ऊर्जा एक स्थिर स्रोत प्रदान करने के लिए नियमित संतुलन भोजन और हल्दी नाश्ता करें।
विटामिन की कमी
मिर्गी के रोगियों में प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी6, आयरन और जिंक का सेवन कम हो सकता है। मिर्गी की दवाएं बी विटामिन, खास तौर पर बी1, बी6, और बी9 को कम कर सकती हैं। मिर्गी से पीड़ित लोगों में विटामिन डी की कमी हो सकती है।
हार्मोनल परिवर्तन
मिर्गी से पीड़ित महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन के स्तर में बदलाव से दौरे पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। महिलाओं में, प्रजनन संबंधी अंतःस्रावी विकार और पार्श्वता हो सकती है। मिर्गी से पीड़ित महिलाओं में बाएं टेम्पोरल लोब मिर्गी से जुड़े गोनैडोट्रोपिन-रिलीज़िंग हार्मोन (GnRH) स्राव की उच्च पल्स आवृत्ति हो सकती है।
मिर्गी रोग से संबंधित प्रश्न
मिर्गी से पीड़ित कुछ महिलाओं के लिए, हार्मोन और मिर्गी के बीच एक करीबी संबंध हो सकता है। हार्मोन का स्तर एक महिला के पुरे जीवन में बदलता रहता है।
मिर्गी वालों लोगों को उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों में मेयोनेज़, मक्खन और भारी क्रीम नहीं खानी चाहिए।
दौरे मस्तिष्क में बदलती हुई विद्युत गतिविधि एपिसोड होते है। दौरे के कारण चेतना की हानि (बेहोशी), असामान्य झटके (ऐंठन) के साथ-साथ अन्य असामान्य भावनाएं, संवेदनाएं और व्यवहार जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
वसा में घुलनशील विटामिन ए, डी, ई और के लीवर और शरीर की वसा में बंद हो सकते हैं, और लंबे समय तक संग्रहीत किए जा सकते हैं। इसका मतलब है कि बड़ी मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो वह विषाक्तता पैदा कर सकती है।